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"दिल में रहना कभी ख़्वाबों के नगर में रहना / गौहर उस्मानी" के अवतरणों में अंतर

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13:26, 25 अगस्त 2020 के समय का अवतरण

दिल में रहना कभी ख़्वाबों के नगर में रहना
तुम जहाँ रहना मोहब्बत के सफ़र में रहना

ख़ैर-मक़्दम के लिए आऊँगा मैं भी इक दिन
तुम अभी सिलसिला-ए-शाम-ओ-सहर में रहना

वक़्त सम्तों के तअ'य्युन को बदल सकता है
तुम मिरे साथ मोहब्बत के सफ़र में रहना

मो'जिज़ा ये भी है इस दौर के फ़नकारों का
आग से खेलना और मोम के घर में रहना

फ़िक्र-ए-शाइ'र के दरीचों से गुज़र कर देखो
कितना दुश्वार है लोगों की नज़र में रहना

ग़र्क़ होने से बचे कितने सफ़ीने 'गौहर'
काम आया मिरी कश्ती का भँवर में रहना