भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नैरंगे-मुकाफ़ात से ये जाना है / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तन्हा |अनुवादक= |संग्रह=तीसर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

10:43, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

 
नैरंगे-मुकाफात से ये जाना है
खोना ही फ़क़ीरों के लिए पाना है
इस्बात का पहलू जो नफ़ी में है निहां
कब जानने वालों ने भी पहचाना है।