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"क्या है पसे-दीवार, पसे-जां क्या है / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

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क्या है पसे-दीवार, पसे-जां क्या है
कहते हैं तजस्सुस किसे इरफां क्या है
सब कुछ है, मगर देखने वाली आंखें
गर देख सके कोई तो पिन्हां क्या है।