भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"कुछ करने से क्या होता है सच कहता है / रमेश तन्हा" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तन्हा |अनुवादक= |संग्रह=तीसर...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

11:18, 7 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

 
कुछ करने से क्या होता है सच कहता है
इंसान मुक़द्दर का लिखा सहता है
इंसाफ़ और मुंसिफ तक बिक जाते हैं
ईमान की रग रग से लहू बहता है।