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|रचनाकार=शार्दुला नोगजा
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मैं हूँ तीस्ता नदी, गुड़मुड़ी अनछुई
मेरा अंग अंग भरा, हीरे-पन्ने जड़ा
मैं हूँ तीस्ता नदी, गुड़मुड़ी अनछुई !
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