भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ओस की बूँद / सपन सारन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= सपन सारन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

15:12, 13 सितम्बर 2020 के समय का अवतरण

ओस की इक बूँद जैसे
पकड़े बेल के पत्ते को
तय है उसका नीचे गिरना
तड़पे संग में रहने को
पल भर को
बस पल भर को तो जीवन हो...।