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"विधवाएँ / लुईज़ा ग्लुक / विनोद दास" के अवतरणों में अंतर

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'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास'''
 
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11:05, 10 अक्टूबर 2020 का अवतरण

मेरी माँ मेरी मौसी के साथ ताश खेल रही हैं
ईर्ष्या और विद्वेष पारिवारिक समय बिताने का काम है

यह खेल मेरी नानी ने अपनी सभी बेटियों को सिखाया है

दोपहर : इतनी गर्मी है कि बाहर जाना मुहाल है
आज मेरी मौसी खेल में आगे हैं उन्हें अच्छे पत्ते मिल रहे हैं
मेरी माँ किसी तरह खींच रही हैं; उनका ध्यान जम नहीं रहा है

वह इस गर्मी में अपने बिस्तर से राब्ता नहीं बना पाई हैं
पिछली गर्मी में कोई दिक्कत नहीं थी
वह फर्श पर लेटने की आदी हो गई थीं
पिता के पास रहने की ख़ातिर वह वहाँ सोती थीं
पिता मर रहे थे, उन्हें एक ख़ास बिस्तर मिला था ।

मेरी मौसी खेल में ज़रा भी टस से मस नहीं हो रही थीं
माँ की थकान के लिए नहीं दे रही थीं कोई रियायत
दरअसल वे इसी तरह पाली-पोसी गई थीं : तुम लड़कर आदर दिखाओ
विरोधियों को करो अपमानित

हर खिलाड़ी के पास पत्तों की एक ढेरी बची हुई थी
पाँच पत्ते हाथ में थे
ऐसी गर्मियों में घर की भीतर रहना अच्छा होता है
जहाँ ठण्ड हो
यह और खेलों से बेहतर है — सोलिटेयर से भी बेहतर

मेरी नानी आगे की सोचती थी उन्होंने अपनी बेटियों को तैयार किया था
उनके पास पत्ते थे; वे एक दूसरे के पास थे
किसी और दोस्तों की ज़रूरत उन्हें नहीं थी

पूरी दोपहर खेल चलता रहा लेकिन सूरज नहीं हिला
यह जलाता रहा — घास को पीला करता रहा
ऐसा मेरी माँ को लगता रहा होगा
और अचानक सब कुछ ख़त्म हो गया

मेरी मौसी खेल में सबसे देर तक बनी रहीं :
शायद इसीलिए वह बेहतर खेलती हैं
उनके पत्ते उड़ गए थे; यही तो आप भी चाहते थे
यही मकसद था; आख़िर में
वह बचा था जो कुछ भी नहीं जीता

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विनोद दास