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प्रार्थना / प्रदीप शुक्ल

No change in size, 08:48, 15 नवम्बर 2020
और तभी दरवाज़े से
छुट्टी अन्दर आई
 
बोली, टीचर जी
मुझको हैं इतने सारे काम
 
सुबह धूप से बात करूँगी
दोपहर में लूडो खेलूँगी
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