भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बसग्याल / मोहित नेगी मुंतज़िर" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मोहित नेगी मुंतज़िर |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
19:47, 15 नवम्बर 2020 के समय का अवतरण
रूमझुम तण मण बरखणु बसग्याल
जगा जगा पाणी का स्रोत फूटण लग्यां
बेटी ब्वारी तिर्पिंड इकलवास्या धाणि पर
कोदा झंगोरा की हेरी सार गोडण लाग्यां
छोरा मदमस्त हवेकी बरखा मा भीगणान
गोरु घसएरी अर गवेर घोर बोडन लाग्यां
ऋतुऊँ मा ऋतुराज बसन्त या बसग्याल
दाना स्याना बुद्धिमान बैठी सोचण लाग्यां।