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"अन्तिम बिहान / ओक्टाभियो पाज / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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10:14, 3 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण
जञ्जालमा हराएका छन् तिम्रा केश,
तिम्रा गोडाले छोइरहेछन् मेरालाई
रात निदाएभन्दा गहिरो निदाइरहेकीछ्यौ तिमी
तर यही कोठाभित्र अँटाएको छ तिम्रो सपना।
हामी कति नै हौँला र,!जो यति थोरै छौँ!
बाहिर कतै गइरहेछ एउटा ट्याक्सी
भूतहरूको आफ्नै भारी बोकेर।
बगिरहने खोलोले, सधैँ
फर्किआउने गरेकै छ।
के भोलि एउटा अर्कै दिन हुनेछ ?
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