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"कितने भारी हैं ये दिन / हरमन हेस" के अवतरणों में अंतर

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कि प्‍यार भी मर सकता है।
 
कि प्‍यार भी मर सकता है।
  
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'''[[कतिविध्न गर्‍हौँ दिनहरू / हर्मन हेस्स / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ]]'''
 
'''[[कतिविध्न गर्‍हौँ दिनहरू / हर्मन हेस्स / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ]]'''
 
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09:38, 4 दिसम्बर 2020 के समय का अवतरण

कितने भारी हैं ये दिन।
कहीं कोई आग नहीं जो मुझे गर्मा सके,
कोई सूरज नहीं जो हंस सके मेरे साथ,
हर चीज नंगी,
सब कुछ ठंडा और बेरहम,
यहां तक कि मेरा प्‍यार भी,
और सितारे खाली निगाहों से नीचे देख रहे,
जब से मुझे यह अहसास हुआ है
कि प्‍यार भी मर सकता है।

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