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ईंधन / गुलज़ार
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09:19, 10 दिसम्बर 2020
आज की रात इस वक्त के जलते चूल्हे में
इक दोस्त का उपला और गया !
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'''[[इन्धन / गुलजार / सुमन पोखरेल|यहाँ क्लिक गरेर यस कविताको नेपाली अनुवाद पढ्न सकिन्छ ।]]'''
</poem>
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