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"तुम / नाज़िम हिक़मत / कविता कृष्णापल्लवी" के अवतरणों में अंतर

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'''अँग्रेज़ी से अनुवाद : कविता कृष्णापल्लवी'''  
 
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17:51, 15 जनवरी 2021 के समय का अवतरण

तुम मेरी ग़ुलामी हो
और मेरी आज़ादी
तुम हो
गर्मियों की एक आदिम रात की तरह
जलती हुई मेरी देह
तुम मेरा देश हो !

तुम हो
हल्‍की भूरी आँखों में हरा रेशम
तुम हो विशाल, सुन्‍दर और विजेता
और तुम मेरी वेदना हो
जो महसूस नहीं होती
जितना ही अधिक मैं इसे महसूस करता हूँ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : कविता कृष्णापल्लवी