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+ | कैसी विदाई ! | ||
+ | छोड़ कर भागते | ||
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+ | डर का डेरा | ||
+ | मानव का उसमें | ||
+ | आज बसेरा। | ||
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+ | शक्ति उद्दाम | ||
+ | मानव गति पर | ||
+ | आज विराम । | ||
+ | 92 | ||
+ | पथिक बिन | ||
+ | सूनी सड़कों पर | ||
+ | भटकें दिन। | ||
+ | 93 | ||
+ | कोयल कूकी | ||
+ | ये सूनी अमराई | ||
+ | कभी न देखी। | ||
+ | 94 | ||
+ | वक़्त ने दिया | ||
+ | आज वक़्त इतना | ||
+ | कटता नहीं । | ||
+ | 95 | ||
+ | चीन के काज | ||
+ | महामारी की गाज | ||
+ | जग पे गिरी। | ||
+ | 96 | ||
+ | लाॅकडाउन | ||
+ | बेबस मजदूर | ||
+ | गाँव भी दूर। | ||
+ | 97 | ||
+ | भीतर भूख | ||
+ | बाहर है कोरोना | ||
+ | जायें तो कहाँ । | ||
+ | 98 | ||
+ | मंदिर बंद | ||
+ | खुले मदिरालय | ||
+ | झूमते भक्त । | ||
+ | 99 | ||
+ | '''युवा रवानी''' | ||
मुश्किल को करती | मुश्किल को करती | ||
पल में पानी | पल में पानी | ||
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01:02, 19 जनवरी 2021 के समय का अवतरण
89
कैसी विदाई !
छोड़ कर भागते
ये बंधु-भाई।
90
डर का डेरा
मानव का उसमें
आज बसेरा।
91
शक्ति उद्दाम
मानव गति पर
आज विराम ।
92
पथिक बिन
सूनी सड़कों पर
भटकें दिन।
93
कोयल कूकी
ये सूनी अमराई
कभी न देखी।
94
वक़्त ने दिया
आज वक़्त इतना
कटता नहीं ।
95
चीन के काज
महामारी की गाज
जग पे गिरी।
96
लाॅकडाउन
बेबस मजदूर
गाँव भी दूर।
97
भीतर भूख
बाहर है कोरोना
जायें तो कहाँ ।
98
मंदिर बंद
खुले मदिरालय
झूमते भक्त ।
99
युवा रवानी
मुश्किल को करती
पल में पानी