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"शिशु / नरेश सक्सेना" के अवतरणों में अंतर
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+ | अभी वह अर्थ समझता है । | ||
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+ | बाद में सीखेगा भाषा | ||
+ | उसी से है, जो है आशा । | ||
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15:38, 24 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण
शिशु लोरी के शब्द नहीं
संगीत समझता है,
बाद में सीखेगा भाषा
अभी वह अर्थ समझता है ।
समझता है सबकी भाषा
सभी के अल्ले ले ले ले,
तुम्हारे वेद पुराण कुरान
अभी वह व्यर्थ समझता है ।
अभी वह अर्थ समझता है ।
समझने में उसको, तुम हो
कितने असमर्थ, समझता है
बाद में सीखेगा भाषा
उसी से है, जो है आशा ।