भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"नींद परी / राम करन" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राम करन |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <po...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

00:19, 27 फ़रवरी 2021 के समय का अवतरण

चाँद-तारो का शामियाना,
रात बुने जब ताना-बाना।
साँझ ढली हो जुगनू भरी,
हौले से आना नींद परी!

आना, आना, पलकों में आना,
फिर बन जाना स्वप्न सुहाना!
लाना, लाना, जादू-छड़ी!
हौले से आना नींद परी।

खेल खिलौने भर भर लाना,
बिन बोले तुम घर में आना!
लाना पिटारा भरी भरी,
हौले से आना नींद परी!

जादू से इक बाग बनाना,
रंग-रंग के फूल खिलाना!
मिल सब गायें स्वर-लहरी,
हौले से आना नींद परी!