भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अँजुरी से पी लूँगा / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' }} {{KKCatKavita...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

04:05, 21 मार्च 2021 का अवतरण

1
तुमसे नाराज़ नहीं
तुम बिन गीत कहाँ
तुम सुर का साज़ रही।
2
दिल को भी सी लूँगा
सब तेरे आँसू
अँजुरी से पी लूँगा।
3
कुछ ऐसा कर लूँगा
तेरा दुख दरिया
सीने में भर लूँगा