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"मेरा चोटहरूको / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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21:21, 7 मई 2021 के समय का अवतरण
मेरा चोटहरूको कुनै सीमा नै रहेन
जे भो भएर पनि कहिल्यै पनि भएन
कसैको आहट मेरो मनछेउ बाटै गयो
यस्तो लाग्यो मेरो बिसौनी-बाटै गयो
आकाश बलिरह्यो सधैँ नै मेरो मनमा
सबै बादल जलिगो' छाया पनि भएन
पोखियो मेरो दिन. रातै रात भएर
उठाएको केही साँझ छोपियो मात भएर
आँधी चल्यो खै कहाँ, असर गर्यो मलाई
समाएँ खै कहाँ के थाहै पनि भएन