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"अक्षर-अक्षर का आलिंगन / कविता भट्ट" के अवतरणों में अंतर

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हाथ थामकर एक दूजे का
 
हाथ थामकर एक दूजे का

01:26, 20 मई 2021 का अवतरण

हाथ थामकर एक दूजे का
अक्षर-अक्षर का आलिंगन।

धीरे से कान में फुसफुसा,
सहलाया, माथे धर चुम्बन।

गले लिपट कुछ हँसा-रोया,
भावों के आँखों में दर्शन।

हलन्त-विसर्ग सभी समर्पित,
हुई प्रेम की कविता सृजित।