भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"हम बदला लेंगे / महेंद्र नेह" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महेंद्र नेह |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
(कोई अंतर नहीं)

14:26, 20 मई 2021 के समय का अवतरण

हम बदला लेंगे
तुमसे ए बटमार !

तुमने तोड़े मेरे सपने
तुमने मारे मेरे अपने
हम बदला लेंगे
तुमसे सरमायेदार !

बूढ़ों को बहुत सताया
बच्चों को बहुत रुलाया
हम बदला लेंगे
तुमसे ओहदेदार !

थे बदन में उग आए काँटे
जब तुमने मारे चाँटे
हम बदला लेंगे
तुमसे हवलदार !

फ़सलों पे चलाया रोलर
तुम लूट के ले गए घरभर
हम बदला लेंगे
तुमसे ज़मींदार !
 
ये दमन का कैसा मंज़र
तोड़े हैं अस्थि-पंजर
हम बदला लेंगे
तुमसे ए सरकार !