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"म दूर भएर के भो / अम्बर गुरुङ" के अवतरणों में अंतर
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− | यति | + | यति रोएँ जिन्दगीमा, कि फेरि रोएर के भो' ! |
− | जति भावना | + | जति भावना छन् सबै, रित्ता छन यति रित्ता |
− | ती जागरणका सामुन्ने, उत्साह | + | ती जागरणका सामुन्ने, उत्साह छन् रित्ता-रित्ता |
− | तिम्रो साथ छुटेर के भो, नयाँ हात पाएर के भो | + | तिम्रो साथ छुटेर के भो, नयाँ हात पाएर के भो' ! |
− | यति खोज्छु सम्झनलाई, कि बिर्सिसकेर के भो | + | यति खोज्छु सम्झनलाई, कि बिर्सिसकेर के भो' ! |
− | आफ्नै यी | + | आफ्नै यी धड्कनहरू, भिन्न छन् यति भिन्न |
− | + | बदलिएँछु म स्वयम् नै, लाचार छु स्वयम् चिन्न | |
− | म उदास भएर के भो, म खुशी भएर के भो | + | म उदास भएर के भो, म खुशी भएर के भो ! |
− | यति विरान जिन्दगी छ, कि विरानी आए के भो | + | यति विरान जिन्दगी छ, कि विरानी आए के भो ! |
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20:22, 5 सितम्बर 2021 के समय का अवतरण
म दूर भएर के भो, अभिशाप छाएर के भो' !
यति रोएँ जिन्दगीमा, कि फेरि रोएर के भो' !
जति भावना छन् सबै, रित्ता छन यति रित्ता
ती जागरणका सामुन्ने, उत्साह छन् रित्ता-रित्ता
तिम्रो साथ छुटेर के भो, नयाँ हात पाएर के भो' !
यति खोज्छु सम्झनलाई, कि बिर्सिसकेर के भो' !
आफ्नै यी धड्कनहरू, भिन्न छन् यति भिन्न
बदलिएँछु म स्वयम् नै, लाचार छु स्वयम् चिन्न
म उदास भएर के भो, म खुशी भएर के भो !
यति विरान जिन्दगी छ, कि विरानी आए के भो !