भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"अस्पताल में / बरीस पास्तेरनाक / रमेश कौशिक" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बरीस पास्तेरनाक |अनुवादक=रमेश कौ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

19:19, 8 अक्टूबर 2021 का अवतरण

वे सारी पटरी को घेरकर खड़े थे
जैसे शो-विण्डो के आगे हों

स्ट्रेचर को गाड़ी के अन्दर ढकेला
अर्दली अस्पताल का उछला
और ड्राइवर की सीट के पीछे आ बैठ गया

एम्बुलैंस ने पटरी और ड्योढ़ी को
मुँह फाड़े देखते आवारागर्दों को पार किया
सड़क की हलचल
हैड लाइटों की रोश


अँग्रेज़ी से अनुवाद : रमेश कौशिक