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"लिखो / अदिति वसुराय / लिपिका साहा" के अवतरणों में अंतर

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16:28, 9 अक्टूबर 2021 के समय का अवतरण

दहशत से निकलो ।
स्नान करो ।
 
उठाकर फेंको फटी हुई ब्रा, टूटा काजल और
रफू की हुई दुपट्टे की इस गृहस्थी को ।

निकलकर आओ तुम, मोनोलाग लिखो ।
लेडी मैकबेथ को फ्रेण्ड रिक्वेस्ट भेजो

प्रकाश फैलाकर बैठो ।
लिखो...

मूल बांगला से अनुवाद : लिपिका साहा