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मेरे बाप की
दो टाँगें हैं ।
उनमें से एक
लकड़ी की है
जो उसे
युद्ध में मिली थी।
अब बूझो ज़रा :
किस टाँग पर
उसे फ़ख़्र है ?
मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य