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"नारी देखी एक अनोखी / खगनियाँ" के अवतरणों में अंतर

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05:04, 15 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण

पहेली :

नारी देखी एक अनोखी ।
बन्द न होती चलती चोखी ।
मरना जीना तुरन्त बतलाती ।
कभी नहीं कुछ खाना खाती ।
सदा हाथ में मेरे रहै, बासू केर खगनियाँ कहै ।

उत्तर : नाड़ी