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"बागों में वह सदा सुहावै / खगनियाँ" के अवतरणों में अंतर

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05:08, 15 नवम्बर 2021 के समय का अवतरण

पहेली :

बागों में वह सदा सुहावै,
मोती की बून्दें बरसावै ।
सदा मौन खाती वह रहै,
बासू केर खगनियाँ कहै ।

उत्तर : कुआँ