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"तुम्हारी हँसी / नीलमणि फूकन / दिनकर कुमार" के अवतरणों में अंतर

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15:32, 17 दिसम्बर 2021 के समय का अवतरण

आश्विन मास की रात
इन्द्रमालती के फूल रो रहे थे

उठकर जाकर देखा

गाँव की गोधूलि की तरह
तुम्हारी हंसी

सुपारी के पेड़ पर
लटक रही है ।

मूल असमिया से अनुवाद : दिनकर कुमार