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"मरण / अलिक्सान्दर सिंकेविच / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर

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14:57, 30 जनवरी 2022 के समय का अवतरण

हवाएँ मरती हैं
और भी अधिक शान्ति छा जाती है
बादल मरते हैं
बरसात होती है
रातें मरती हैं
आकाश हलका हो जाता है
आदमी मरते हैं
धरती अधिक भारी हो जाती है ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : गिरधर राठी

लेनिन जन्म शताब्दी पर 1970 में प्रकाशित आलोचना के विशेषांक से