भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"मरण / अलिक्सान्दर सिंकेविच / गिरधर राठी" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अलिक्सान्दर सिंकेविच |अनुवादक=ग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:57, 30 जनवरी 2022 के समय का अवतरण
हवाएँ मरती हैं
और भी अधिक शान्ति छा जाती है
बादल मरते हैं
बरसात होती है
रातें मरती हैं
आकाश हलका हो जाता है
आदमी मरते हैं
धरती अधिक भारी हो जाती है ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : गिरधर राठी
लेनिन जन्म शताब्दी पर 1970 में प्रकाशित आलोचना के विशेषांक से