भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"सारा तारा चुँडालेर / किरण खरेल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=किरण खरेल |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatNepal...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
11:12, 10 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण
सारा तारा चुँडालेर आकाश रित्तो पारिदिऊँ
यस्तो लाग्छ कहिलेकाही आफ्नै मन मारिदिऊँ
लाख चोटी मुटु दुख्छ एकचोटी सास फेर्दा
दु:खै दु:ख देखिन्छ जताततै फर्की हेर्दा
कोपिलालाई कुल्चिएर वसन्तलाई भगाइदिऊँ
यस्तो लाग्छ रगतजति रुँदारुँदै बगाइदिऊँ
पुजारीको आँखा छली रुन्छ ईश्वर मन्दिरमा
सुख शान्ति कैदी बनी कल्पी बस्छ जन्जिरमा
आगैआगो सल्काएर धर्ती बाँझो तुल्याइदिऊँ
यस्तो लाग्छ मानिसकै माया मोह भूलाइदिऊँ