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"जीवित हूँ मैं अभी, हिया मेरा बघेरा / अलेक्सान्दर ब्लोक" के अवतरणों में अंतर
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01:01, 16 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण
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जानकर यह तुम कि जीवित हूँ मैं
ख़ूब गहरी नींद सो रही हो, प्रिया !
पर भड़क उठेगा मेरा गुस्सा जिस समय
तोड़ डालूँगा तब मैं, तुम्हारा यह जूआ
याद होगा तुम्हें शायद पुराना वह गीत
जिसमें आधी रात को मृतक एक किशोर
क़ब्र से उठ आया था निभाने को रीत
फिर साथ ले गया अपने वह कन्या चित्त-चोर
ओ अनुपमे ! ओ सुलक्षणे ! तू विश्वास कर मेरा
बहुत भोली और पवित्र, प्यारी बालिका है तू
जीवित हूँ मैं अभी, हिया मेरा बघेरा
सभी मृतकों से बलशाली है अभी मेरी रुह
अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय