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"मसँग बदनाम आयो / सुमन पोखरेल" के अवतरणों में अंतर
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− | जीवनभर नभुल्ने, मायाको | + | जीवनभर नभुल्ने, मायाको इनाम आयो |
− | सग्लो | + | सग्लो दिएथेँ मुटु, चर्केर दश ठाम आयो |
− | सोधे मलाई | + | सोधे मलाई जब, मेरो मलिनताको कारण |
शुष्क ओठमा अनायस तिम्रो नाम आयो | शुष्क ओठमा अनायस तिम्रो नाम आयो | ||
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प्रेमको उपहार स्वरूप यो के काम आयो ? | प्रेमको उपहार स्वरूप यो के काम आयो ? | ||
− | व्यर्थै | + | व्यर्थै गाएँछु गजल, प्रेमको रङ्गमा डुबेर |
− | अदृष्य | + | अदृष्य रह्यौ तिमी, मसँग बदनाम आयो |
के राख्छौ फूल तिमी मेरो तसवीरमा ऐले | के राख्छौ फूल तिमी मेरो तसवीरमा ऐले |
19:53, 21 फ़रवरी 2022 के समय का अवतरण
जीवनभर नभुल्ने, मायाको इनाम आयो
सग्लो दिएथेँ मुटु, चर्केर दश ठाम आयो
सोधे मलाई जब, मेरो मलिनताको कारण
शुष्क ओठमा अनायस तिम्रो नाम आयो
चर्किरहन्छ हृदय, सधैँ जोडिरहन्छु म
प्रेमको उपहार स्वरूप यो के काम आयो ?
व्यर्थै गाएँछु गजल, प्रेमको रङ्गमा डुबेर
अदृष्य रह्यौ तिमी, मसँग बदनाम आयो
के राख्छौ फूल तिमी मेरो तसवीरमा ऐले
थाह छ मलाई, कोको, मेरो मलाम आयो
कहाँ पठाऊँ जवाफ यत्रो संसारमा सुमन !
कसले पठायो कुन्नी, एक चिट्ठी बेनाम आयो