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"स्त्री की हाँ / एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग / सुधा तिवारी" के अवतरणों में अंतर

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स्त्री की हां
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"हां !" मैंने दिया था जवाब कल रात;
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"नहीं !" कहती हूँ इस सुबह, महाशय !
 
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मोमबत्तियों की रोशनी में दिखते रंग,
 
मोमबत्तियों की रोशनी में दिखते रंग,

15:25, 13 मार्च 2022 के समय का अवतरण


"हाँ !" मैंने दिया था जवाब कल रात;
"नहीं !" कहती हूँ इस सुबह, महाशय !
मोमबत्तियों की रोशनी में दिखते रंग,
दिन के उजाले में वैसे ही तो नहीं दिखते ।

जब ड्रम का संगीत करता हो कमाल,
जब ऊपर जलते लैम्प हों, और नीचे लगते हों कहकहे —
मुझे प्यार करती हो, एक परिहास-सा सुन पड़ा,
जिसके लिए हाँ और ना दोनों बराबर जवाब थे !

चाहो तो पुकारो मुझे झूठा, या कह लो स्वच्छन्द —
लेकिन क़सम से, मेरे जवाब के बदल जाने से
किसी भी प्रकाश में नहीं उगेगी
तुम्हारे चेहरे पर दुख की रेखा ।

मगर इस पाप में हिस्सेदार हैं बराबर के —
नृत्य के समय नहीं होता प्रणय-निवेदन —
क्योंकि अस्थिर प्रणयी करते हैं कमज़ोर वादे
और मेरे तिरस्कार में कहीं रहेगी तुम्हारी भी तो बदनामी !

स्त्री का विश्वास जीत सकते हो
अभिजात्य से क्योंकि बेहद अहम है ये;
साहस से क्योंकि जीवन से मृत्यु तक का मसला है ये —
और निष्ठावान गम्भीरता से ।
 
खींच लाओ उसे उत्सव के मंच से,
दिखाओ उसे तारों भरा आकाश,
सच्चे लफ्जों में पनाह देकर उसे
बचा लेना प्रेमालाप के मनुहार से !

तुम्हारी सच्चाई ही बना सकती है उसे अपना —
हमेशा के लिए, तुम्हारी सहचरी के रूप में
और फिर तुमसे कही हुई हाँ
होगी हमेशा-हमेशा के लिए स्वीकार ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी भाषा में पढ़िए
              Elisabeth Barrett Browning
                       The Lady’s Yes

" Yes !" I answered you last night ;
" No !" this morning, Sir, I say !
Colours, seen by candle-light,
Will not look the same by day.

When the tabors played their best,
Lamps above, and laughs below —
Love me sounded like a jest,
Fit for Yes or fit for No !

Call me false, or call me free —
Vow, whatever light may shine,
No man on your face shall see
Any grief for change on mine.

Yet the sin is on us both —
Time to dance is not to woo —
Wooer light makes fickle troth —
Scorn of me recoils on you !

Learn to win a lady's faith
Nobly, as the thing is high ;
Bravely, as for life and death —
With a loyal gravity.

Lead her from the festive boards,
Point her to the starry skies,
Guard her, by your truthful words,
Pure from courtship's flatteries.

By your truth she shall be true —
Ever true, as wives of yore —
And her Yes, once said to you,
SHALL be Yes for evermore.