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"तुम और तुम्हारी पूरी नस्ल / लैंग्स्टन ह्यूज़ / अमर नदीम" के अवतरणों में अंतर

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15:08, 28 अप्रैल 2022 का अवतरण

तुम और तुम्हारी पूरी नस्ल
डालो एक निगाह उस शहर पर, जिसमें तुम रहते हो
और शर्म करो !
निगाह डालो गोरे लोगों पर
और फिर ख़ुद पर
और शर्म करो
कि ऐसी निस्पृह दरिद्रता मौजूद है वहाँ,
कि ऐसी मूढ़ अज्ञानता वहाँ जनती है बच्चे
हताशा के इन अकिंचन शरणस्थलियों के परदे में —
कि स्वयं तुम्हें ही न तो कोई परवाह रहती है
न ही रहता है पौरुष ललकार कर कहने का
चुनौती है तुझे एक क़दम भी आगे बढ़कर देख
बदनीयत दुनिया,
कर कोशिश मेरा गला दबोचने की
अपने लोभ सने हाथों से,
मेरी चुनौती है एक क़दम भी मेरी ओर बढ़ा कर दिखा —
                                    जिस दिन तुम यह कह सकोगे
                                     तुम स्वतन्त्र हो जाओगे !

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अमर नदीम
 —
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
         Langston Hughes
    You and your whole race.

You and your whole race.
Look down upon the town in which you live
And be ashamed.
Look down upon white folks
And upon yourselves
And be ashamed
That such supine poverty exists there,
That such stupid ignorance breeds children there
Behind such humble shelters of despair—
That you yourselves have not the sense to care
Nor the manhood to stand up and say
I dare you to come one step nearer, evil world,
With your hands of greed seeking to touch my throat,
I dare you to come one step nearer me:
                        When you can say that
                        you will be free!