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"इन्तज़ार करो कि पेड़ बड़ा हो जाए / बैर्तोल्त ब्रेष्त / उज्ज्वल भट्टाचार्य" के अवतरणों में अंतर

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23:15, 29 अप्रैल 2022 के समय का अवतरण

इन्तज़ार करो कि पेड़ बड़ा हो जाए : फिर उसे काट डालो
उससे काग़ज़ बनाओ और बाँट दो
लोगों के बीच, ताकि वे
उस पर लिखते हुए अपने मसले
सुलझा सकें । पेड़ जितना बड़ा होगा
उतने ही ज़्यादा लोगों में बाँट पाओगे ।
जब वह मज़बूत हो
उसे काट डालो ।

मूल जर्मन भाषा से अनुवाद : उज्ज्वल भट्टाचार्य