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"विलीन हो जाऊँ ऐसे / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’" के अवतरणों में अंतर

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बसे रहो सदा मेरी ्चेतना में
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बसे रहो सदा मेरी चेतना में
 
धरती में बीज की तरह,
 
धरती में बीज की तरह,
 
अम्बर में प्रणव की तरह,
 
अम्बर में प्रणव की तरह,

11:52, 19 मई 2022 के समय का अवतरण

बसे रहो सदा मेरी चेतना में
धरती में बीज की तरह,
अम्बर में प्रणव की तरह,
सिंधु में अग्नि की तरह
हृदय में सुधियों की तरह
कण्ठ में गीत की तरह
नेत्रों में ज्योति की
परछाई में मीत की तरह
जन्म -जन्मांतर तक
कि
जब भी मिलना हो तुमसे
आकाश -सी बाहें फैलाकर मिलूँ
विलीन हो जाऊँ
हर जन्म में
केवल तुम में
जैसा आत्मा मिल जाती है
परमात्मा में।