भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"उबरणौ / चंद्रप्रकाश देवल" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चंद्रप्रकाश देवल |अनुवादक= |संग...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
14:29, 17 जुलाई 2022 के समय का अवतरण
उण कह्यौ - ‘डूब’
पूछतौ कठै, तौ तोहीन व्हैती
पण डूबूं तो कठै?
औ ‘कठै’ कैवणौ अणूंतौ कावळ व्है
अेक बोबाड़िया सारू ई
अर ‘कटकारौ’ सुगनिया सारू माड़ौ व्है
उण सोच्यौ -
‘औ कुतरकियौ डूबण सूं नटतौ
कठैई नट नीं जावै
संसार रा सबसूं पवीत सबद रा अरथ नै’
औ हास-हतआस नै उडीकण रौ सवाल नीं
औ निकेवळी प्रीत रै अरथ रौ सवाल हौ
उण दूजी वळा खरायौ
अर म्हैं डूबग्यौ...