भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"अविजित फिर भी / शशिप्रकाश" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शशिप्रकाश |अनुवादक= |संग्रह=कोहेक...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:24, 28 अगस्त 2022 के समय का अवतरण
विजित शिखर हैं
अविजित फिर भी
उन्नतशिर
उत्प्रेरण देते
आमन्त्रण देते
फिर-फिर आरोहण को ।
हम क्यों हारें ?
नए-नए अभियानों की
योजना बनाएँ ।