भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"न मरने का कारण / देवी प्रसाद मिश्र" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=देवी प्रसाद मिश्र |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
23:43, 5 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण
यह पता नहीं किस तरह हुआ लेकिन हुआ
यही कि आज दोपहर का खाना खाने के बाद
जब मुझे नींद आने लगी तो मुझे लगा कि
मेरा अन्त हो रहा है ।
मेरी नींद टूट गई ।
मैं खिड़की की तरफ़ गया और मैंने सोचा कि
तब यानी कि मृत्यु के बाद खिड़की तक जाना
नहीं होगा और उसके बाहर देख पाना नहीं
होगा । मैंने चेहरे पर पसीना महसूस किया । मैं
ने अपनी अन्त्येष्टि में आने वालों की फ़ेहरिस्त
बनानी शुरू की तो लगा कि किसी भी नाम
को लेकर मेरे मन में निश्चिन्तता नहीं है ।
मैं 12वीं मंज़िल पर रहता हूँ । मैं लिफ़्ट की
तरफ़ गया और मुझे लगा कि मेरी मृत देह
को लिफ़्ट में ले जाना मुश्किल होगा ।
उस दोपहर मरने के बाद के झंझट को देखते
हुए मैंने न मरने का फ़ैसला किया ।