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"गूंगे आदमी / कृष्ण वृहस्पति" के अवतरणों में अंतर

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मेरे पास कलम थी
 
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मैं लिखने से नहीं रूका ।
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मेरे पास खेत थे
 
मेरे पास खेत थे

14:38, 26 सितम्बर 2022 के समय का अवतरण

उनके पास जोर था
मेरे पास कलम थी
वे जोर लगा कर थक गए
मैं लिखने से नहीं रुका।

मेरे पास खेत थे
उनके पास लठैत
मैंने खेतों में आदमी उगाए
वे उगे तो उन्होंने
सरकारी लगान के नाम पर
उनकी काट ली जुबानें !

मेरे वे गूंगे आदमी
बिके नहीं फिर
बाजार में टके सेर ही ।

अनुवाद : नीरज दइया