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मेरे घर के
मुख्य द्वार के पास
आपके लिए
डेलिए का फूल खिला है
साथ ही
घास का
हरा-कचूर मैदान
आगे कमरों में
कूड़ा-झूठ-चाल-कबाड़-
घृणा
आप आगे नहीं जा सकते
अब
मैंने सबको
घास में रखना सीख लिया है ।
मूल पंजाबी भाषा से अनुवाद : रुस्तम सिंह