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"आदम ज़गायेवस्की" के अवतरणों में अंतर
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− | |विविध=पोलैण्ड के क्राकोव विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और दर्शन की पढ़ाई पूरी करने के बाद तत्कालीन सरकार विरोधी ’आज की कविता’ ग्रुप में शामिल हो गए और 1975 तक उसके सदस्य रहे। उन्हें ’नई लहर’ के कवियों का एक शानदार कवि माना जाता है, जिन्होंने जीवन के यथार्थ और ऐतिहासिकता के आधार पर प्राप्त मानवीय अनुभव को कविता की ताक़त माना और अपनी कविता में इसी मानवीय अनुभव को अभिव्यक्त करने की कोशिश की। 1990 से पहले पोलिश कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने पोलैण्ड में उनकी कविताओं के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा रखा था। 1982 में वे पोलैण्ड छोड़कर पेरिस में बस गए। उसके बाद वे अमेरिका और जर्मनी में भी रहे। 2002 में वे विदेश से वापिस पोलैण्ड आ गए। इसके बाद वे अपने निधन तक लगातार हर साल अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में शिकागो विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए जाते रहे। | + | |विविध=पोलैण्ड के क्राकोव विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और दर्शन की पढ़ाई पूरी करने के बाद तत्कालीन सरकार विरोधी ’आज की कविता’ ग्रुप में शामिल हो गए और 1975 तक उसके सदस्य रहे। उन्हें ’नई लहर’ के कवियों का एक शानदार कवि माना जाता है, जिन्होंने जीवन के यथार्थ और ऐतिहासिकता के आधार पर प्राप्त मानवीय अनुभव को कविता की ताक़त माना और अपनी कविता में इसी मानवीय अनुभव को अभिव्यक्त करने की कोशिश की। 1990 से पहले पोलिश कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने पोलैण्ड में उनकी कविताओं के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा रखा था। 1982 में वे पोलैण्ड छोड़कर पेरिस में बस गए। उसके बाद वे अमेरिका और जर्मनी में भी रहे। 2002 में वे विदेश से वापिस पोलैण्ड आ गए। इसके बाद वे अपने निधन तक लगातार हर साल अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में शिकागो विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए जाते रहे। यूँ तो उन्हें कविता के लिए ढेरों पुरस्कार मिले, लेकिन जिन पुरस्कारों का ज़िक्र करना ज़रूरी है, वे हैं — कोस्सिलस्की पुरस्कार (1075), विलेनिका पुरस्कार (1996), न्यूस्टाड अन्तरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (2004), हाइनरिश मान पुरस्कार (2015), ग्रिफिन लाइफटाइम रिकग्निशन अवार्ड (2016), प्रिंसेस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड (2017) और स्ट्रुगा काव्य सन्ध्याएँ स्वर्ण माल्यार्पण सम्मान (2018)। |
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22:39, 24 अक्टूबर 2022 का अवतरण
आदम ज़गायेवस्की
जन्म | 21 जून 1945 |
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निधन | 21 मार्च 2021 |
उपनाम | Adam Zagajewski |
जन्म स्थान | ल्वोव, उक्रअईना। |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
कविता की कुल तेरह पुस्तकें। | |
विविध | |
पोलैण्ड के क्राकोव विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान और दर्शन की पढ़ाई पूरी करने के बाद तत्कालीन सरकार विरोधी ’आज की कविता’ ग्रुप में शामिल हो गए और 1975 तक उसके सदस्य रहे। उन्हें ’नई लहर’ के कवियों का एक शानदार कवि माना जाता है, जिन्होंने जीवन के यथार्थ और ऐतिहासिकता के आधार पर प्राप्त मानवीय अनुभव को कविता की ताक़त माना और अपनी कविता में इसी मानवीय अनुभव को अभिव्यक्त करने की कोशिश की। 1990 से पहले पोलिश कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार ने पोलैण्ड में उनकी कविताओं के प्रकाशन पर प्रतिबन्ध लगा रखा था। 1982 में वे पोलैण्ड छोड़कर पेरिस में बस गए। उसके बाद वे अमेरिका और जर्मनी में भी रहे। 2002 में वे विदेश से वापिस पोलैण्ड आ गए। इसके बाद वे अपने निधन तक लगातार हर साल अतिथि प्रोफ़ेसर के रूप में शिकागो विश्वविद्यालय में व्याख्यान देने के लिए जाते रहे। यूँ तो उन्हें कविता के लिए ढेरों पुरस्कार मिले, लेकिन जिन पुरस्कारों का ज़िक्र करना ज़रूरी है, वे हैं — कोस्सिलस्की पुरस्कार (1075), विलेनिका पुरस्कार (1996), न्यूस्टाड अन्तरराष्ट्रीय साहित्य पुरस्कार (2004), हाइनरिश मान पुरस्कार (2015), ग्रिफिन लाइफटाइम रिकग्निशन अवार्ड (2016), प्रिंसेस ऑफ ऑस्टुरियस अवार्ड (2017) और स्ट्रुगा काव्य सन्ध्याएँ स्वर्ण माल्यार्पण सम्मान (2018)। | |
जीवन परिचय | |
आदम ज़गायेवस्की / परिचय |
गीत चतुर्वेदी द्वारा अनूदित