भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"बीते हुए कल और आज के बीच / द्रागन द्रागोयलोविच / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=द्रागन द्रागोयलोविच |अनुवादक=अन...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(कोई अंतर नहीं)

19:25, 29 अक्टूबर 2022 का अवतरण

बीते हुए कल और आज के बीच
कुछ नहीं है
दोनों दिनों को आपस में जोड़ने वाला
कोई रास्ता नहीं,
कोई सुरंग नहीं, कोई गलियारा नहीं,
कोई पगडण्डी भी नहीं
और कोई समुद्र नहीं,
कुछ भी नहीं है
कल और आज के बीच ।

कोई बाड़ या हाता नहीं
जहाँ पक्षी गा रहे होते ।

जहाँ पर हम लटका सकते
इस नाशवान दुनिया की तस्वीरें !

अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिल जनविजय

लीजिए, अब अँग्रेज़ी अनुवाद में यही कविता पढ़िए
                Dragan Dragojlović
  IN BETWEEN YESTERDAY AND TODAY

In between yesterday and today
there is nothing,
there is no connecting road,
no tunnel, no corridor,
no pathway,
no sea,
there is nothing in between
yesterday and today.

Not even a hedge
where the birds could sing,

where we could
hang up pictures of
a perishing world.

Translated into English by AGRONSH