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नरेन्द्र शर्मा

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/* प्रतिनिधि रचनाएँ */
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== नरेन्द्र शर्मा की रचनाएँ ==
{{KKParichay
|चित्र=Narendra_sharma.jpg
|नाम=नरेन्द्र शर्मा
|उपनाम=--|जन्म=28 फ़रवरी 1913|जन्मस्थान=जहाँगीरपुर, जिला खुर्जा, [[उत्तर प्रदेश]], भारत|मृत्यु=-- 11 फ़रवरी 1989|कृतियाँ=शूल -फूल (१९३४1934), कर्ण -फूल (१९३६1936), प्रभात -फेरी (१९३८1938), प्रवासी के गीत (१९३९1939), कामिनी (१९४३1943), मिट्टी और फूल (१९४३1943), पलाशवन पलाश-वन (१९४३1943), हँस हंस माला (१९४६1946), सर्तचँदन रक्तचंदन (१९४९1949), अग्निशस्य (१९५०1950), कदलीवन कदली-वन (१९५३1953), द्रौपदी (१९६०1960), प्यासा -निर्झर (१९६४1964), उत्तर जय (१९६५1965), बहुत रात गये (१९६७1967), सुवर्णा (१९७१1971), सुवीरा (१९७३1973), प्रमुख पत्रिकाएँ सरस्वती १९३२ व चाँद १९३३ मेँ प्राँरभिक रचनाएँ व स्फुट कविताएँ व समीक्षा इत्यादी छपती रही|विविध=पंडित नरेन्द नरेन्द्र शर्मा ने हिन्दी -फ़िल्मों के लिये बहुत से गीत लिखे। उनके 17 कविता संग्रह, एक कहानी संग्रह, एक जीवनी और अनेक रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं।इसके अलावा उस समय की प्रमुख साहित्यिक पत्रिकाओं 'सरस्वती' में 1932 में और 'चांद' में 1933 मेँ इनकी प्रारम्भिक रचनाएँ और स्फुट कविताएँ व समीक्षा इत्यादि छपती रही हैं।|अंग्रेज़ीनाम=Narendra Sharma, Narender Sharma, Jyoti Kalash Chhalke
|जीवनी=[[नरेन्द्र शर्मा / परिचय]]
}}{{छायावादी रचनाकार}}{{KKCatUttarPradesh}}{{KKCatNavgeetkaar}}====कविता / गीत संग्रह====* '''[[शूल-फूल / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1934)* '''[[कर्ण-फूल / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1936)* '''[[प्रभात-फेरी / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1938)* '''[[प्रवासी के गीत / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1939)* '''[[कामिनी / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1943)* '''[[मिट्टी और फूल / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1943)* '''[[पलाश-वन / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1943)* '''[[हंस माला / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1946)* '''[[रक्तचंदन / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1949)* '''[[अग्निशस्य / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1950)* '''[[कदली-वन / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1953)* '''[[प्यासा-निर्झर / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1964)* '''[[बहुत रात गये / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1967)* '''[[सुवीरा / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1973)====प्रबंध काव्य====* '''[[द्रौपदी / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1960)* '''[[उत्तर जय / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1965)* '''[[सुवर्णा / नरेन्द्र शर्मा]]''' (1971)====प्रतिनिधि रचनाएँ====* [[मैं हिंदू हूँ, तुम मुसलमान / नरेन्द्र शर्मा]]* [[मेरा मन / नरेन्द्र शर्मा]]* [[सूरज डूब गया बल्ली भर / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[ज्योति कलश छलके / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[प्रयाग / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[चलो हम दोनों चलें वहां / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[नैना दीवाने एक नहीं माने / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[मधु माँग ना मेरे मधुर मीत / नरेन्द्र शर्मा]]* [[मेरे गीत बडे बड़े हरियाले / नरेन्द्र शर्मा]]* [[ऐसे हैं सुख सपन हमारे/ नरेन्द्र शर्मा]]
* [[ज्योति पर्व : ज्योति वंदना / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[लौ लगाती गीत गाती,/ नरेन्द्र शर्मा]]
* [[फटा ट्वीड का नया कोट / नरेन्द्र शर्मा]]
* [[मधु के दिन मेरे गये गए बीत ! ( २ ) / नरेन्द्र शर्मा]] मैँने भी मधु के गीत रचे, मेरे मन * [[सुख-सुहाग की मधुशाला मेँ  यदि होँ मेरे कुछ गीत बचे, तो उन गीतोँ के कारण ही,  कुछ और निभा ले प्रीत ~ रीत !  मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ )  मधु कहाँ , यहाँ गँगा दिव्य- जल है !ज्योति से / नरेन्द्र शर्मा]] प्रभु के चरणोँ मे रखने को * [[गंगाजीवन का पका हुआ फल है ! मन हार चुका मधुसदन को,  मैँ भूल चुका मधु भरे गीत !  मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ ) वह गुपचुप प्रेम भरीँ बातेँ, (२) यह मुरझाया मन भूल चुका वन कुँजोँ की गुँजित रातेँ (२)  मधु कलषोँ के छलकाने की  बहती हो गयी , मधुर बेला व्यतीत ! क्यूँ / नरेन्द्र शर्मा]]* [[माया / नरेन्द्र शर्मा]]मधु के दिन मेरे गये बीत ! ( २ )* [[वर्षा मंगल / नरेन्द्र शर्मा]] रचना : * [ स्व पँ. [पलाश / नरेन्द्र शर्मा ] मेरे गीत बडे हरियाले,मैने अपने गीत,सघन वन अन्तराल सेखोज निकालेमैँने इन्हे जलधि मे खोजा,जहाँ द्रवित होता फिरोज़ामन का मधु वितरित करने को, गीत बने मरकत के प्याले !कनक * [[सुख- वेनु, नभ नील रागिनी, दुख / नरेन्द्र शर्मा]]बनी रही वँशी सुहागिनी* [[आषाढ़ / नरेन्द्र शर्मा]]-सात रँध्र की सीढी पर चढ,गीत बने हारिल मतवाले !  देवदारु की हरित शिखर परअन्तिम नीड बनायेँगे स्वर,शुभ्र हिमालय की छाया मेँ,लय हो जायेँगे, लय वाले ! * [[साथी चाँद / नरेन्द्र शर्मा]]* [[युग और मैं / नरेन्द्र शर्मा]]* [[ स्व. पँ. जय जयति भारत भारती / नरेन्द्र शर्मा ]]ऐसे हैं सुख सपन हमारे* [[कुछ भी बन बन कर मिट जाते जैसेबालू के घर नदी किनारेऐसे हैं सुख सपन हमारे....लहरें आतीं, बह बह जातींरेखाए बस रह रह जातींजाते पल को कौन पुकारेऐसे हैं सुख सपन हमारे....ऐसी इन सपनों की मायाजल पर जैसे चाँद की छायाचाँद किसी के हाथ न आयाचाहे जितना हाथ पसारेऐसे हैं सुख सपन हमारे.... '''ज्योति पर्व : ज्योति वंदना'''  जीवन की अँधियारी रात हो उजारी !धरती पर धरो चरण तिमिर-तम हारी परम व्योमचारी!चरण धरो, दीपंकर, जाए कट तिमिर-पाश!दिशि-दिशि में चरण धूलि छाए कायर मत बन कर-प्रकाश!आओ, नक्षत्र-पुरुष,गगन-वन-विहारी परम व्योमचारी!आओ तुम, दीपों को निरावरण करे निशा!चरणों में स्वर्ण-हास बिखरा दे दिशा-दिशा!पा कर आलोक, मृत्यु-लोक हो सुखारी नयन हों पुजारी!२०:३३, ५ मई २००८ (UTC)२०:३३, ५ मई २००८ (UTC)२०:३३, ५ मई २००८ (UTC)२०:३३, ५ मई २००८ (UTC)~ सुख सुहाग की दीव्य ~ ज्योति से, घर आँगन मुस्काये, ज्योति चरण धर कर दीवाली, घर आँगन नित आये" रचना : पँ.नरेद्र / नरेन्द्र शर्मा ]]लौ लगाती गीत गाती, दीप हूँ मैँ, प्रीत बातीनयनोँ की कामना,प्राणोँ की भावना.पूजा की ज्योति बन कर,चरणोँ मेँ मुस्कुरातीआशा की पाँखुरी, श्वासोँ की बाँसुरी ,थाली ह्र्दय की ले,नित आरती सजातीकुमकुम प्रसाद है,प्रभू धन्यवाद है हर घर में हर सुहागन, मँगल रहे मनाती२०:३९, ५ मई २००८ (UTC)२०:३९, ५ मई २००८ (UTC)२०:३९, ५ मई २००८ (UTC)२०:३९, ५ मई २००८ (UTC)~तुम्हेँ याद है * [[क्या उस दिन कीनए कोट के बटन होल मेँ,हँसकर प्रिये, लगा दी थी जब वह गुलाब की लाल कली ? फिर कुछ शरमा कर, साहस कर,बोली थीँ तुम, " इसको योँ हीखेल समझ कर फेँक न देना,है यह प्रेम -भेँट पहली ! "  कुसुम कली वह कब की सूखी,फटा ट्वीड का नया कोट भी,किन्तु बसी है सुरभि ह्रदय मेँ,जो उस कलिका से निकली ! मुझे पहचान लोगी / नरेन्द्र शर्मा]]
'''( फरवरी १९३७, रचना प्रवासी के गीत काव्य सँग्रह से : ====बाल कविताएँ====* [[खिलते और खेलते फूल / नरेन्द्र शर्मा )''']]