भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"गीत : किधरे न पैंदियाँ दस्साँ / फ़ैज़ अहमद फ़ैज़" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
15:10, 13 नवम्बर 2022 के समय का अवतरण
किधरे ना पैंदियाँ दस्साँ
वे परदेसिया तेरियाँ
काग उडावाँ, शगन मनावाँ
वगदी वा दे तरले पावाँ
तेरी याद आवे ते रोवाँ
तेरा ज़िकर कराँ ताँ हस्साँ
किधरे ना पैंदियाँ दस्साँ
वे परदेसिया तेरियाँ
दर्द ना दस्साँ घुलदी जावाँ
राज़ ना खोल्हाँ, मुकदी जावाँ
किस नूँ दिल दे दाग़ दिखावाँ
किस दर अग्गे झोली डाहवाँ
वे मैं किस दा दामन खस्साँ
किधरे ना पैंदियाँ दस्साँ
वे परदेसिया तेरियाँ
शाम उडीकाँ, फ़जर उडीकाँ
आखें ते सारी उमर उडीकाँ
आँढ गवाँढी दीवे बलदे
रब्बा साडा चानन घल्ल दे
जग वसदा ए मैं वी वस्साँ
किधरे ना पैंदियाँ दस्साँ
किधरे ना पैंदियाँ दस्साँ
किधरे ना पैंदियाँ दस्साँ
वे परदेसिया तेरियाँ