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"शताब्दियों से मैंने पढ़ी है / सांत्वना श्रीकांत" के अवतरणों में अंतर
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19:49, 16 नवम्बर 2022 का अवतरण
हड़प्पा से लेकर मेसोपोटामिया
तक की लिपियाँ,
मिट्टी के टीकरों पर उत्खनित
अवशेषों को भी
बहुत ध्यान से देखा है,
रोसेता शिलाखंड और
धोलाविरा की शिला पट्टिका का भी
उद्वाचन किया है,
समस्त उवाच शब्दों को
उच्चरित करने में प्रयासरत हूँ
पशुपति और मदरगॉडेस
के सामने सिर झुका कर
घुटने के बल बैठी हूँ
सिंधु और दजला फरात में
जी भर कर डुबकी लगाकर
उपासना की है
यह समस्त प्रक्रिया मैंने
तुम्हारी खोज में की है।