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"शताब्दियों से मैंने पढ़ी है / सांत्वना श्रीकांत" के अवतरणों में अंतर
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हड़प्पा से लेकर मेसोपोटामिया | हड़प्पा से लेकर मेसोपोटामिया | ||
तक की लिपियाँ, | तक की लिपियाँ, | ||
− | मिट्टी के | + | मिट्टी के ठीकरों पर उत्खनित |
अवशेषों को भी | अवशेषों को भी | ||
बहुत ध्यान से देखा है, | बहुत ध्यान से देखा है, | ||
रोसेता शिलाखंड और | रोसेता शिलाखंड और | ||
− | धोलाविरा की | + | धोलाविरा की शिलापट्टिका का भी |
उद्वाचन किया है, | उद्वाचन किया है, | ||
समस्त उवाच शब्दों को | समस्त उवाच शब्दों को | ||
उच्चरित करने में प्रयासरत हूँ | उच्चरित करने में प्रयासरत हूँ | ||
पशुपति और मदरगॉडेस | पशुपति और मदरगॉडेस | ||
− | के सामने सिर | + | के सामने सिर झुकाकर |
घुटने के बल बैठी हूँ | घुटने के बल बैठी हूँ | ||
सिंधु और दजला फरात में | सिंधु और दजला फरात में |
03:42, 17 नवम्बर 2022 के समय का अवतरण
हड़प्पा से लेकर मेसोपोटामिया
तक की लिपियाँ,
मिट्टी के ठीकरों पर उत्खनित
अवशेषों को भी
बहुत ध्यान से देखा है,
रोसेता शिलाखंड और
धोलाविरा की शिलापट्टिका का भी
उद्वाचन किया है,
समस्त उवाच शब्दों को
उच्चरित करने में प्रयासरत हूँ
पशुपति और मदरगॉडेस
के सामने सिर झुकाकर
घुटने के बल बैठी हूँ
सिंधु और दजला फरात में
जी भर कर डुबकी लगाकर
उपासना की है
यह समस्त प्रक्रिया मैंने
तुम्हारी खोज में की है।