"मेरा ही जलाया अग्नि-कुंड / लिली मित्रा" के अवतरणों में अंतर
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+ | क्या कोई समझ पाएगा? | ||
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+ | अहेतुक मेरी ज्वाला | ||
+ | की धधकती आग में | ||
+ | अपनी कुंठित सोच की रोटियाँ पकाएगा.. | ||
+ | इसलिए | ||
+ | छोड़ दो मुझे | ||
+ | और...जलने दो ! | ||
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+ | और घृत डालो | ||
+ | आक्षेपों का, | ||
+ | लपट दूर तक उठनी चाहिए... | ||
+ | वह चटपटाती सी एक | ||
+ | चिलकती ध्वनि, | ||
+ | मेरी लपटों से आनी चाहिए | ||
+ | हाँ,यह मेरा खुद का जलाया | ||
+ | अग्नि-कुंड है | ||
+ | धू...धूकर जलना चाहिए। | ||
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+ | देखो इसके आस-पास | ||
+ | यज्ञ वेदी की दीवार मत बनाना, | ||
+ | वेदों की ऋचाओं के पाठ कर | ||
+ | पवित्रता का पुष्प मत चढ़ना, | ||
+ | दावानल सा दहकने दो, | ||
+ | हाँ यह मेरा जलाया | ||
+ | अग्नि-कुंड है | ||
+ | मुझे सब भस्म हो जाने तक | ||
+ | भड़कने दो... | ||
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+ | इतना अवश्य करना, | ||
+ | मेरे गर्म भस्मावशेषों पर | ||
+ | कुछ छींटे अपने प्रीत जल के | ||
+ | छिड़क देना, | ||
+ | मेरी भस्म को अधिक देर तक | ||
+ | सुलगने मत देना... | ||
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+ | एक चिटपिटाती छन्नाती आह के बाद | ||
+ | मैं चिरशान्ति में लीन हो | ||
+ | जाऊँगीं, | ||
+ | खुद को जलाकर ही | ||
+ | अब मेरा आत्म मुस्कुराएगा | ||
+ | शायद यही मेरा सर्वश्रेष्ठ | ||
+ | प्रायश्चित कहलाएगा। | ||
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+ | अब छोड़ दो मुझे, | ||
+ | जलने दो ! | ||
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04:49, 19 नवम्बर 2022 के समय का अवतरण
ये मेरा ही जलाया अग्नि-कुंड है
भस्म होने दो मुझे
आहिस्ता-आहिस्ता...
क्या कहूँ?
किससे कहूँ?
क्या कोई समझ पाएगा?
अहेतुक मेरी ज्वाला
की धधकती आग में
अपनी कुंठित सोच की रोटियाँ पकाएगा..
इसलिए
छोड़ दो मुझे
और...जलने दो !
और घृत डालो
आक्षेपों का,
लपट दूर तक उठनी चाहिए...
वह चटपटाती सी एक
चिलकती ध्वनि,
मेरी लपटों से आनी चाहिए
हाँ,यह मेरा खुद का जलाया
अग्नि-कुंड है
धू...धूकर जलना चाहिए।
देखो इसके आस-पास
यज्ञ वेदी की दीवार मत बनाना,
वेदों की ऋचाओं के पाठ कर
पवित्रता का पुष्प मत चढ़ना,
दावानल सा दहकने दो,
हाँ यह मेरा जलाया
अग्नि-कुंड है
मुझे सब भस्म हो जाने तक
भड़कने दो...
इतना अवश्य करना,
मेरे गर्म भस्मावशेषों पर
कुछ छींटे अपने प्रीत जल के
छिड़क देना,
मेरी भस्म को अधिक देर तक
सुलगने मत देना...
एक चिटपिटाती छन्नाती आह के बाद
मैं चिरशान्ति में लीन हो
जाऊँगीं,
खुद को जलाकर ही
अब मेरा आत्म मुस्कुराएगा
शायद यही मेरा सर्वश्रेष्ठ
प्रायश्चित कहलाएगा।
अब छोड़ दो मुझे,
जलने दो !