"ओ हाइमन ! ओ हाइमनी ! / वाल्ट ह्विटमैन / दिनेश्वर प्रसाद" के अवतरणों में अंतर
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वाल्ट ह्विटमैन |अनुवादक=दिनेश्व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
(कोई अंतर नहीं)
|
02:48, 10 दिसम्बर 2022 का अवतरण
ओ हाइमन ! ओ हाइमनी !
तुम क्यों मुझे इस तरह तरसाते हो ?
ओह, तुम क्यों मुझे केवल एक त्वरित क्षण के लिए डँसते हो ?
तुम आगे क्यों नहीं बढ़ सकते ? तुम क्यों अब रुक गए हो ?
क्या इसका कारण यह कि यदि तुम उस त्वरित क्षण से
आगे नहीं बढ़े तो तुम निश्चय ही मुझे शीघ्र मार डालोगे ?
(हाइमन और हाइमनी : विवाह के देवता और देवी।
आलोचकों के अनुसार कवि को इन नामों और इस कविता की विषय-वस्तु की प्रेरणा
जॉर्ज सैण्ड के उपन्यास ’दि काउण्टेस ऑफ़ रुडोलस्टाड्ट’ से मिली थी।)
मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : दिनेश्वर प्रसाद
लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
Walt Whitman
O Hymen! O Hymenee!
O HYMEN! O hymenee!
Why do you tantalize me thus?
O why sting me for a swift moment only?
Why can you not continue? O why do you now cease?
Is it because, if you continued beyond the swift moment, you would
soon certainly kill me?