भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"ओ हाइमन ! ओ हाइमनी ! / वाल्ट ह्विटमैन / दिनेश्वर प्रसाद" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वाल्ट ह्विटमैन |अनुवादक=दिनेश्व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
 
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
  
 
(हाइमन और हाइमनी : विवाह के देवता और देवी।
 
(हाइमन और हाइमनी : विवाह के देवता और देवी।
आलोचकों के अनुसार कवि को इन नामों और इस कविता की विषय-वस्तु की प्रेरणा
+
आलोचकों के अनुसार कवि को इन नामों और इस कविता की विषय-वस्तु की  
जॉर्ज सैण्ड के उपन्यास ’दि काउण्टेस ऑफ़ रुडोलस्टाड्ट’ से मिली थी।)
+
प्रेरणा जॉर्ज सैण्ड के उपन्यास ’दि काउण्टेस ऑफ़ रुडोलस्टाड्ट’ से मिली थी।)
  
 
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : दिनेश्वर प्रसाद'''
 
'''मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : दिनेश्वर प्रसाद'''

02:49, 10 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण

ओ हाइमन ! ओ हाइमनी !
तुम क्यों मुझे इस तरह तरसाते हो ?
ओह, तुम क्यों मुझे केवल एक त्वरित क्षण के लिए डँसते हो ?
तुम आगे क्यों नहीं बढ़ सकते ? तुम क्यों अब रुक गए हो ?
क्या इसका कारण यह कि यदि तुम उस त्वरित क्षण से
आगे नहीं बढ़े तो तुम निश्चय ही मुझे शीघ्र मार डालोगे ?

(हाइमन और हाइमनी : विवाह के देवता और देवी।
आलोचकों के अनुसार कवि को इन नामों और इस कविता की विषय-वस्तु की
प्रेरणा जॉर्ज सैण्ड के उपन्यास ’दि काउण्टेस ऑफ़ रुडोलस्टाड्ट’ से मिली थी।)

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : दिनेश्वर प्रसाद

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
            Walt Whitman
    O Hymen! O Hymenee!

O HYMEN! O hymenee!
Why do you tantalize me thus?
O why sting me for a swift moment only?
Why can you not continue? O why do you now cease?
Is it because, if you continued beyond the swift moment, you would
soon certainly kill me?