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"स्वर्ग के कपड़े / अनिमेष कुमार सिन्हा / विलियम बटलर येट्स" के अवतरणों में अंतर

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अगर मेरे पास होते कढ़े हुए स्वर्ग के कपड़े
 
अगर मेरे पास होते कढ़े हुए स्वर्ग के कपड़े
 
सोने और दूधिया चांदी से जड़े हुए
 
सोने और दूधिया चांदी से जड़े हुए
नीले , धुन्धले और श्याम वर्ण आसमान के लिए
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नीले, धुन्धले और श्याम वर्ण आसमान के लिए
रात , दिन, उषा और गो धूलि के रंग लिए
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रात, दिन, उषा और गो धूलि के रंग लिए
 
उन अनमोल कपड़ों को भी बिछा देता तुम्हारे पाँव तले
 
उन अनमोल कपड़ों को भी बिछा देता तुम्हारे पाँव तले
  

00:17, 13 दिसम्बर 2022 के समय का अवतरण

अगर मेरे पास होते कढ़े हुए स्वर्ग के कपड़े
सोने और दूधिया चांदी से जड़े हुए
नीले, धुन्धले और श्याम वर्ण आसमान के लिए
रात, दिन, उषा और गो धूलि के रंग लिए
उन अनमोल कपड़ों को भी बिछा देता तुम्हारे पाँव तले

लेकिन ग़रीब हूँ, सो, हैं पास, बस, मेरे ख़्वाब
मैंने अपने सपनो को ही तेरे पाँव तले दिया बिछा
धीरे चल कि मेरे सपनों पे उठते-गिरते हैं तेरे क़दम बेइन्तिहा

मूल अँग्रेज़ी से अनुवाद : अनिमेष कुमार सिन्हा

लीजिए, अब यही कविता मूल अँग्रेज़ी में पढ़िए
       William Buttler Yeats
      The cloths of Heavens

Had I the heavens’ embroidered cloths,
Enwrought with golden and silver light,
The blue and the dim and the dark cloths
Of night and light and the half-light,
I would spread the cloths under your feet:

But I, being poor, have only my dreams;
I have spread my dreams under your feet;
Tread softly because you tread on my dreams.

1888
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